04 November 2017

lines of the day

"न मैं गिरा
  और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे..! 
पर.. लोग मुझे गिराने मे कई बार गिरे...!!"

सवाल जहर का नहीं था 
वो तो मैं पी गया,
तकलीफ लोगों को तब हुई, 
जब मैं जी गया.

  डाली  पर  बैठे  हुए  परिंदे  को  पता  है  कि  डाली  कमज़ोर  है ..
फिर  भी  वो  उस  डाली  पर  बैठता है  क़्योकी  उसको  डाली  से  ज़यादा  अपने  पंख  पर  भरोसा  है. ".........
       
  "मुस्कुराना"  सीखना पड़ता है ...!*
"रोना" तो पैदा होते ही आ जाता हैं    

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