09 مايو 2021

सुख और दुख

सुख और दुख में कोई ज्यादा अंतर नहीं है! जिसे मन स्वीकारे वह सुख और जिसे अस्वीकारे वह दुख! सारा खेल हमारी स्वीकृति और अस्वीकृति का ही तो है!

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