*कण कण में विष्णु बसें,*
*जन जन में श्री राम!*
*प्राणों में माँ जानकी,*
*मन में बसे हनुमान!!*
*जन जन में श्री राम!*
*प्राणों में माँ जानकी,*
*मन में बसे हनुमान!!*
*दो चीजों को कभी व्यर्थ*
*नहीं जाने देना चाहिए*.....
*नहीं जाने देना चाहिए*.....
*अन्न के कण को*
*"और"*
*आनंद के क्षण को*
*"और"*
*आनंद के क्षण को*
*हमेशा मुस्कुराते रहिए*....
*कभी अपने लिये कभी अपनों के लिये.
*कभी अपने लिये कभी अपनों के लिये.
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